81 भामाशाहों सहित 21 शाला प्रेरकों को किया सम्मानित

 ख़बर गवाह 

 शिक्षा के मंदिर में सभी मिलकर विकास करें : उप जिला प्रमुख

जिला स्तरीय भामाशाह सम्मान समारोह आयोजित


सीकर, 18 अक्टूबर । राज्य सरकार की नवीन भामाशाह योजना के अनुसार शिक्षा के क्षेत्र में 2019-20 एवं सत्र 2020-21, 22 में विद्यालयों के शैक्षिक, भौतिक उन्नयन के लिये सहयोग करने वाले 81 दानदाताओं, भामाशाहों को शिक्षा श्री उपाधि से विभूषित किये जाने एवं दानदाताओं, भामाशाहों को सहयोग के लिए प्रेरित करने वाले 21 प्रेरकों को शाला प्रेरक सम्मान से सम्मानित किया गया। डिवाइन इंग्लिश एकेडमिक स्कूल राधाकिशनपुरा सीकर में आयोजित समारोह में अतिरिक्त जिला कलेक्टर रतन कुमार की अध्यक्षता में 81 दानदाताओं, भामाशाहों को सम्मानित किया गया एवं शिक्षा श्री उपाधि से विभूषित किये जाने व दानदाताओं, भामाशाहों को विद्यालय विकास में सहयोग के लिए प्रेरित करने वाले 21 प्रेरकों को माला, शॉल ओढ़ाकर, प्रतीक चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान दिया। भामाशाह अनीता चौधरी, हरफूलसिंह खीचड़, जयराम यादव, मूलचन्द सैनी, प्रमोद कुमार, गोपीराम जांगीड सहित 81 भामाशाहों ने कक्षा-कक्ष का निर्माण, मंच, मुख्य गेट, टीनशेड, कम्प्यूटर लैब, सीसी टीवी, फर्नीचर, पंखे, वाटर कूलर, रंगरोगन, पानी की टंकी, शौचालय आदि निर्माण के लिए सहयोग किया गया।

     समारोह में उपजिला प्रमुख ताराचन्द  धायल ने कहा कि सीकर जिला शुरू से ही सेठ-साहूकारों का रहा है। ग्राम पंचायत विद्यालयों में भामाशाहों ने कई काम करवाएं है। उन्होंने कहा कि भामाशाहों के द्वारा सीनियर स्कूलों का निर्माण करवाया गया है। उन्होंने इस पुनित कार्य को अपने हाथों में ले रखा है और अध्यापकों, प्रेरकों के सहयोग से विद्यालय में अनेक विकास कार्य करवाएं जा रहे है। उन्होंने कहा कि भामाशाहों की प्रेरणा से गांव के लोगों द्वारा विद्यालय में भवन, फर्नीचर, खेल मैदान, चारदीवारी सहित अन्य निर्माण कार्य करवाए गए है। उन्होंने आह्वान किया कि शिक्षा के मंदिर में सब मिलकर विकास करें तथा पहली प्राथमिकता शिक्षा की होनी चाहिए। पंचायती राज का पैसा स्कूलों में लगे। जिले में सरकारी-प्राईवेट स्कूलें संचालित है जिनका प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से छात्र-छात्राओं, गांव के लोगों को लाभ मिले। उन्होंने कहा कि विद्यालय में खेल-कार्यक्रमों के साथ ही भामाशाहों का भी सम्मान होना चाहिए।


     समारोह में अतिरिक्त जिला कलेक्टर रतनकुमार ने कहा कि जिले के विभिन्न ब्लॉकों से भामाशाहों ने विद्यालय विकास में अपना योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा में विद्या का दान सबसे बड़ा दान माना गया है। विद्यालय विकास में पूर्व जनप्रतिनिधियों, सरपंचों, के साथ ही विद्यालय के विकास में प्राचार्य ने अपनी एक माह का वेतन देने का योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि भामाशाहों का गणतंत्र व स्वतंत्रता दिवस पर भी सम्मान करना चाहिए। जब भी भामाशाहों से मिले तो उनका मान- सम्मान करना चाहिए। उन्होंने बताया कि अपने घर की आय में से विद्यालय विकास में सहयोग देना बहुत बड़ी बात है।

     उन्होंने कहा कि आज सरकारी स्कूलों को मूलभूत सुविधाओं सहित अनेकों विकास कार्यों में सहयोग देने वाले भामाशाहों का आभार व्यक्त किया और कहा कि जिन स्कूलों में आप सहयोग कर रहे है उस क्लास में पढ़ने वाले बच्चे जो भी अपने जीवन के सपने बुन रहे है आप उन्हें पूरा करने में उनका सहयोग कर रहे हैं।

कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्वलन एवं स्कूल की बालिकाओं ने गणेश वंदना के साथ किया तथा स्कूल की बालिकाओं ने स्वागत गीत गाकर सभी अतिथियों का स्वागत किया। 

 कार्यक्रम में मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी रामचंद्र पिलानिया, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक लालचंद नहलिया, एडीईओ घासीराम भूरीया, डिवाइन इंग्लिश एकेडमिक स्कूल प्राचार्या रितू शुक्ला, जैन अस्पताल डॉ. वी. के. जैन,  सहित जनप्रतिनिधी, प्राचार्य, अध्यापक, भामाशाहों एवं शिक्षा विभाग से जुड़े अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।

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