स्व आधारित हो नए भारत की भूमिका: शेखावाटी साहित्य संगम

सीकर, 28 सितंबर। शेखावाटी साहित्य संगम के चौथे सत्र का आगाज सीकर के जैन भवन में हुआ। कार्यक्रम के पहले सत्र  में "स्व आधारित भारत का नवोत्थान" विषय पर चर्चा हुई जिसमें मुख्य वक्ता  वरिष्ठ पत्रकार अर्चना शर्मा, प्रसिद्ध लेखिका अंशू हर्ष  डॉ. महावीर प्रसाद कुमावत एवं अरविंद कुमार रहे।  वरिष्ठ पत्रकार अर्चना शर्मा ने स्व आधारिक पत्रकारिता एवं वैश्विक स्तर पर हमारी संस्कृति और कला पर बढ़ती डिमांड पर अपने विचार साझा किए। प्रसिद्ध लेखिका अंशू हर्ष ने कहा की भाषा, भोजन, भैष हमें स्व या कहें कि अपने देश का ही रखना चाहिए। चर्चा में अरविंद कुमार ने  स्वभाषा, स्वधर्म, स्वदेश पर अधारित अपने विचार साझा किए। डॉ. महावीर प्रसाद कुमावत ने स्व आधारित भारत की शिक्षा नीति में जो बदलाव आया है उस पर विस्तार से अपनी बात रखी। हमारा गुरुकुल वाले संस्कारो के ज्ञान आधारित शिक्षा नीति को बदला गया है और हमारी पीढ़ी इसे ही सीख रही है और आगे ले जा रही है जिसमें बदलाव की आवश्यकता है।


    दूसरे सत्र में जानी मानी लेखिका अंशू हर्ष की पुस्तक "महाभारत के हनुमान" पर विस्तृत चर्चा की गई। अंशू जी ने हमारी मिट्टी से जुड़ी बातें की और हमारे पुराणो को युवाओं से कैसे नई तारीके से जोड़ा सकते है इस पार बात की। साथ ही साहित्य में समय के साथ आए अंतर बात हुई। अंशू हर्ष ने श्रोताओं के धार्मिक साहित्यों की काल्पनिक की जगह इतिहास से जोड़े जाने की मांग की।

    तीसरे सत्र में वरिष्ठ पत्रकार अर्चना शर्मा ने कंटेंट राइटिंग पर एक वर्कशॉप को संबोधित किया जिसमें युवाओं को यह समझाया की आज के युग में कंटेंट ही किंग है। आज के दौर सूचना और संवाद को आसान, अच्छा और आकर्षक बनाने के लिए कंटेंट का अच्छा होना आवश्यक है जिससे की वह साधारण व्यक्ति को भी प्रभावित कर सके। पत्रकारिता की भाषा में कंटेंट के लिए 5WH यानि की क्या, कब, क्यों, कौन और कहां को ही सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। हर विद्यार्थी के जीवन में कंटेंट के प्रति समझ होगा जरुरी है जिससे की वाद संवाद आसान और सरल बनता है। डिजीटल युग में जहां ब्लॉगिंग और सोशल मीडिया के क्षेत्र में काफी युवा हाथ आजमा रहे हैं लेकिन तमाम टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के बावजूद कंटेंट में कमजोरी के कारण वे सफलता हासिल नहीं कर पा रहें हैं इसलिए आधुनिक युग में भी कंटेंट की किंग माना जाता है।

    चौथे सत्र में "युवा-मानसिक स्वास्थ्य" विषय पर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई जिसमें सुनिधी मिश्रा, अर्चना शर्मा, पुष्पेंद्र पणिकर ने विद्यार्थियों में तनाव और लगातार बढ़ रहे आत्महत्या के मामलों पर अपने विचार साझा किए। सुनिधि मिश्रा ने मानसिक तनाव और बढ़ते सुसाइड केसेस पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने फास्ट फूड को कम खाने की बात की। हमारा खान पान ही एंजाइटी को बढ़ा रहा है। साथ ही सुसाइड केसेस को रोकने के लिए हम अपने बच्चो को समझना होगा उनके साथ जबरदस्ती न करते हुए उन्हें अपनी इच्छा अनुसार करियर शुरू करने का मौका देना चाहिए।

    शेखावाटी साहित्य संगम के दूसरे दिन 29 सितंबर को कवि सम्मलेन का आयोजन होगा जिसमें कवि भूमिका जैन, राम बधावर, हरिश हिन्दुस्तानी, लट्टूरी लट्ठ अपनी कविताओं की प्रस्तुती देंगे। शेखावाटी साहित्य संगम के प्रथम दिन सीकर व आसपास के क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों के लिए पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता प्रभारी दीपिका शर्मा ने बताया कि  प्रतियोगिता 'सशक्त भारत' थीम पर आधारित रही जिसमें  वर्धमान विद्या विहार, सोफिया, गुलाबी  देवी विद्यालय सहित लगभग 13 विद्यालयों के 85 विद्यार्थियों ने भाग लिया , जिसमें कनिष्ठ वर्ग,कक्षा छह  से आठ  व वरिष्ठ वर्ग,कक्षा नौ से बारह  के विद्यार्थी शामिल रहे। विद्यार्थियों ने सशक्त भारत थीम पर अपने भावों को सुन्दर चित्रों का रूप दिया।

    शेखावाटी साहित्य संगम में विशेष तौर पर पुस्तक मेला और गायक कलाकार अंकित अवस्थी की प्रस्तुती आकर्षण का केंद्र रहा। पुस्तक मेले में  पुस्तक प्रदर्शन,अवलोकन,बिक्री,परिचय, पठन व  विषय वस्तु  पर  चर्चा  संवाद आदि होते हैं। विद्यार्थियों और साहित्य में रुचि रखने वाले स्थानीय लोगों ने पुस्तकों पर काफी रुचि दिखाई और इस आयोजन की सराहना की। शेखावाटी साहित्य संगम के मीडिया समन्वयक डॉ मुकेश शर्मा ने कार्यक्रम की जानकारी दी।

                                                                                                                                            Any Error? Report to Us

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