राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में युवा पीढ़ी को लोकतांत्रिक प्रक्रिया की जानकारी होना जरूरी है ः राज्यपाल मिश्र

   ख़बर गवाह 


सीकर 17 अगस्त। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में युवा पीढ़ी को लोकतांत्रिक प्रक्रिया की जानकारी होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि संविधान राष्ट्र को चलाने का महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिसमें भारत के आदर्श, उद्देश्य और मूल्यों का समावेश है। यह हमारी संस्कृति और सभ्यता की अमूल्य निधि है। राज्यपाल कलराज मिश्र बुधवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय कटराथल में 3 हजार 371 लाख रूपये की लागत से बनने वाले स्पोर्टस कॉम्पलेक्स एवं ऑडिटोरियम की आधार शिला का वर्चुअल माध्यम से बटन दबाकर शिलान्यास  कार्यक्रम में  बोल रहें थे।
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि  भारतीय संस्कृति एकता और अखंडता को बढ़ावा देती है। उन्होंने कहा कि महान विचारक पं. दीनदयाल उपाध्याय भारतीयता के मूर्तरूप थे। उनके विचारों से राष्ट् और व्यक्ति का सवार्ंगीण विकास संभव है। इसलिए सबको उनके बताए मार्ग पर चलने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने दीनदयाल के आर्थिक दर्शन को आधार बनाकर ‘उत्पादन में बढ़ोतरी, उपभोग पर संयम, वितरण में समानता’ की बात की। पं. दीनदयाल का चिंतन समाज की संपूर्णता का चिंतन है।
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि शेखावाटी में मातृ भूमि की रक्षा एवं अपने प्राणों की आहुति देने वाले सर्वाधिक वीर सपूत दिये है और ऎसे उद्यमी भी दिये है जिन्होंने व्यवसाय, उद्योग के क्षेत्र में देश को बुलंदियों पर पहुंचाया है। भामाशाहों और उद्योगितियों की  पावन धरती पर आकर मुझे अत्यंत सुखद खुशी मिली हैं । पंड़ित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्व विद्यालय में  स्पोर्टस कॉम्पलेक्स ऑडिटोरियम शिलान्यास समारोह की आप सभी को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर पंड़ित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर यह विश्वविद्यालय स्थापित है  उनकी स्मृति को नमन करता हूॅ। पंड़ित दीनदयाल उपाध्याय महान विचारक और राजनितिज्ञ ही नहीं थे बल्की उनका उच्च शिक्षा से भी नाता था। कॉलेज के दिनों में उन्होंने यह महसूस कर लिया था राजनिती के जरिये ही देश में खतम हो रहे सवैधानिक मूल्य को जीवंत किया जा सकता है। इसलिए उन्होंने शिक्षा में आमूलचुल परिवर्तन करते हुए। समाज के नव निर्माण को सर्वोपरी रखते हुए सदैव कार्य किया। उनका एकात्मकवाद, मानवाधिकार की विचार धारा, राष्ट्र की सर्वांगीण विकास पर ही अधिक जोर था। उन्होंने राजस्थान के  पिलानी स्थित बिड़ला कॉलेज से स्नातक की उपाधी प्राप्त की और बचपन से ही पढ़ाई में बहुत मेघावी थे।   पंड़ित दीनदयाल उपाध्याय पढ़ने में कमजोर विद्यार्थियों को पढ़ाते थे और वे वह अद््भुत व्यक्तितत्व के धनी थे।
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि प्रदेश के स्थापत्य कला में अपने देश की संस्कृति छलकती हैं। शेखावाटी के जर्रे-जर्रे में बलिदान की भावना देखने को मिलती है और शेखावाटी के कण-कण में लक्ष्मी निवास करती है। शेखावाटी में टाटा, बिड़ला, डालमिया, पौदार भामाशाह, उद्योगपति हुए हैं । शेखावाटी में सालासर, खाटूश्याम, जीणमाता, शाकम्भरी सहित अन्य धार्मिक स्थान है। लोगों के आर्थिक विकास के माध्यम भी धार्मिक स्थल है। उन्होंने कहा  कि इस विद्यालय में शहीदों के त्याग, बलिदान, शहीद विरांगनाओं की जानकारी देने के लिए शोधपीठ स्थापित किया जायेगा।
कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि स्पोटर्स बोर्ड के चैयरमेन एवं पिलानी विधायक जे.पी. चन्देलिया कहा कि शेखावाटी वीर प्रसूताओं की भूमि है। उन्होंने कहा कि देश की अर्थ व्यवस्था को संचालित करने में यहां के उद्योगपतियों, भामाशाओं का योगदान रहा है।
कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि सीकर विधायक राजेन्द्र पारीक ने कहा कि शेखावाटी उद्योगपतियों की जन्म व कर्म स्थली है। यहां पर सालासर, खाटूश्यामजी, जीणमाता की  धर्म स्थली है।  उन्होंने कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों के साथ आपसी समन्वय एवं संवाद बनाये रखें। उन्होंने कहा कि शिक्षक ऎसे विद्यार्थी तैयार करें जिनमें राष्ट्रीयता, अपनेपन का भाव हो। उन्होंने शिक्षकों से छात्रों में कौशल विकास  विकसित करने  का आव्हान किया।
शेखावाटी विश्व विद्यालय के कुलपति  भागीरथ सिंह ने कहा कि  आपके चिन्तन एवं मनन में नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन का भाव रहता है। उन्होंने कहा कि शेखावाटी की हवैलिया अपनी कला व स्थापत्य के लिए जानी जाती है। उन्होंने बताया कि शेखावाटी विश्वविद्यालय खेल परियोजना की शुरूआत होगी।  उन्होंने बताया कि 8 हजार स्वाक्यर फीट में स्पोटर्स कॉम्पलेक्स बनेगा जिसमें 2 हजार 19 लोग बैठ सकेंगे तथा 32  खेल इस स्टेडियम में खेले जा सकेंगे तथा ऑडिटोरियम में 1200 लोगों की  बैठने की व्यवस्था होगी। उन्होंने बताया कि म्यूजियम की स्थापना इस विश्वविद्यालय में की गई है यहां पर  प्राचीन सिक्के , गणेश्वर की हडप्पा कालीन मूर्तियां, भोपा-भोपी, नृतय, सहित्य कला व संस्कृति को संग्रहित करने का कार्य  किया जा रहा है जो विद्यार्थियों के शोध अध्ययन में काम आएगा। शेखावाटी नाथ सम्प्रदादाय की तपोभूमि रही है। शेखावाटी ने क्रिकेट , खेल यहां के युवाओं में सेना में भर्ती होने का जज्बा हैं। विश्वविद्यालय में खेल में बीपीईडी, एमपीडी खुलवाने का प्रयास किया जा रहा है। शेखावाटी विश्वविद्यालय ने रिसर्च स्कॉलर शुरू की है। उन्होंने बताया कि 5 हजार छात्राओं को रिसर्च स्कॉलरशिप दी जा रही है। शेखावाटी विश्वविद्यालय में वूमन स्टडी सेंटर की स्थापना करने का कार्य किया जाएगा। इससे पूर्व राज्यपाल का कुलपति भागीरथ सिंह ने पुष्पगुच्छ देकर शॉल ओढाकर स्मृति चिन्ह देकर अभिनन्दन किया। कार्यक्रम में राज्यपाल  मिश्र ने भारतीय संविधान की उद्देशिका एवं संविधान के मूल कर्तव्यों का वाचन कराया।
समारोह में राजभवन के ओएसडी गोविन्द जायसवाल, अतिरिक्त जिला कलेक्टर रतन कुमार, सीकर एसडीम गरिमा लाटा, महेश शर्मा बोम के सदस्य, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामचन्द्र मुण्ड, विश्वविद्यालय के मुख्य परीक्षा नियंत्रक अरिन्दम वासु , आरएस कटेवा, संजीव, विश्वविद्यालय का स्टाफ, जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहें।

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