पशुओं में फैले लम्पी स्कीन रोग के नियंत्रण एवं प्रभावी रोकथाम के लिए नियमित पर्यवेक्षण करने के निर्देश

  ख़बर गवाह 

पशु उपचार के लिए अनाधिकृत उपचार करने वाले झोला छापों के चंगुल में नहीं आएं

सीकर 17 अगस्त। जिला कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये है कि वर्तमान में प्रदेश में गौवंशी पशुओं में फैले लम्पी स्किन रोग के नियंत्रण एवं प्रभावी रोकथाम के लिए उचित कार्यवाही की जाने की आवश्यकता है।

    उन्होंने निर्देशित किया है कि गौशालाओं एवं पशुगृहों में दैनिक साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जावे तथा ऎसे स्थानों पर गढडों में पानी एकत्रित नहीं होने दें। पशु आवासों पर नियमित रूप से सोडियम हाईपोक्लोराईट के 2 प्रतिशत घोल का छिडकाव कराया जावें। बीमार पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग बांधकर रखें तथा उनका समय पर पशुपालन विभाग के पशु चिकित्सा कर्मियों से ईलाज करावें। गांवों में स्थानीय पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी, कृषि पर्यवेक्षक, कृषि सहायक आदि द्वारा रोग से प्रभावित आवारा गौवंश को पृथक स्थान पर रखे जाने की व्यवस्था तथा इस रोग से मृत पशुओं का निस्तारण  वैज्ञानिक पद्धति से किसी चिन्हित स्थान, गोचर भूमि में करवाया जावें।

    उन्होंने कहा कि पशुपालकों को समझाया जावे कि यह रोग पशुओं से मनुष्य में नहीं फैलता है ताकि ऎसे पशु के दूध को उबाल कर काम में लिया जा सकता है। यह बीमारी कोरोना की तरह हवा से नहीं फैलती है। इस कार्य के लिए स्थानीय निकाय के माध्यम से आमजन में रोग के संबंध में स्पष्ट जानकारी देते हुए रोग की रोकथाम तथा फैल रही भ्रांति को दूर किया जावे तथा प्रचार-प्रसार की सामग्री जैसे पम्पलेट  आदि का वितरण इन संस्थानों के माध्यम से करवाया जावें।


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