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सीकर, 11 अक्टूबर। शहर में नशीली दवाओं की बिक्री रोकने एवं जनजागरूकता के लिए जिला परिषद सभागार में मंगलवार को कार्यशाला आयोजित की गई । कार्यशाला में नशीली दवाओं की बिक्री रोकने की कार्य योजना तैयार करने पर चर्चा की गई।
जिला कलेक्टर डॉ. अमित यादव ने कार्यशाला में कहा कि दवाईयों का प्रयोग जीवन बचाने के लिए किया जाता है लेकिन कतिपय लोग इनका दुरूपयोग कर मानव जीवन के साथ खिलवाड़ करते है। उन्होंने कहा कि फार्मासिस्ट दवाईयां देते समय चिकित्सक की पर्ची के अनुसार दवाई देवें तथा जिसको दवाईयां दी गई है उसका विवरण सहित रिकॉर्ड भी संधारित करें। उन्होंने कहा कि झोलाछाप चिकित्सकों को किसी भी सूरत में दवाईयां नही दी जाये और अपनी जिम्मेदारी समझते हुए इसमें सहयोग करें सीकर एजूकेशन का हब है, दवाओं का दुरूपयोग रोकना हम सबकी जिम्मेदारी है। इस दौरान उन्होंने फार्मासिस्ट, केमिस्टों को नशा नही करने एवं नशे की दवाईयां बिक्री नही करने की शपथ भी दिलवाई।
कार्यशाला में पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप ने बताया कि शहर में बिना पर्ची के दवाईयां नही बिक्री करें नही तो आप पर भी कार्यवाही होगी। आने वाले दिनों में नशे की दवाईयों की बिक्री रोकने के लिए डिकोय अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने केमिस्टों से कहा कि एक पर्ची की दवा पर नींद की दवा दी तो है तो उस पर दुकान की मोहर लगाये ताकि दूसरी दुकान पर दो बार नही खरीद सकें। उन्होंने कहा कि आप सबकी जिम्मेदारी है कि नशीली दवाओं की बिक्री की रोकथाम के लिए अपेक्षित सहयोग करें।
कार्यशाला में जिला केमिस्ट एसोसियशन के अध्यक्ष संजीव नेहरा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. निर्मल सिंह, औषधि नियंत्रक बलदेव चौधरी सहित केमिस्ट मौजूद रहे।
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