चिरंजीवी योजना रक्षा कवच है, मुसीबत आने से पहले तैयारी करें और रजिस्टे्रशन करवाएं

  ख़बर गवाह 

राजस्थान स्टेट हैल्थ एश्योरेंस एजेंसी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूण राजोरिया व जिला कलेक्टर डॉ. अमित यादव ने गोकुलपुरा ग्राम सभा में दी चिरंजीवी योजना की जानकारी

 सीकर, 2 अक्टूबर। जिले की 373 ग्राम पंचायतों पर 2 अक्टूबर (रविवार) को चिरंजीवी ग्राम सभा तथा नगरीय क्षेत्रों में वार्ड सभा का आयोजन हुआ, इनमें जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों, कर्मचारियों के द्वारा राज्य सरकार की मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना सहित अन्य योजनाओं की जानकारी दी गई।

    गोकुलपुरा ग्राम पंचायत पर हुई ग्राम सभा को राजस्थान स्टेट हैल्थ एश्योरेंस एजेंसी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूणा राजोरिया ने ग्रामवासियों को योजना की जानकारी देते हुए कहा कि राज्य सरकार की ओर से प्रदेश के प्रत्येक परिवार को इस योजना के माध्यम से रक्षा कवच प्रदान किया जा रहा है। इसके लिए मुसीबत आने से पहले तैयारी करते हुए योजना में पंजीकरण करवाएं ताकि परिवार में कोई बीमार भी हो जाए तो उसके इलाज के खर्च की चिंता नहीं रहेगी।

    उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा 10 लाख रूपए तक कैशलेस उपचार की सुविधा प्रदान की जा रही है। साथ ही पंजीकृत परिवारों को 5 लाख रूपए तक का दुर्घटना बीमा कवर भी दिया जा रहा है। वहीं इस योजना से जुड़े परिवारों की महिला मुखिया को तीन साल की फ्री इंटरनेट सुविधा के साथ स्मार्टफोन भी दिया जाएगा। इसलिए यह योजना बेहद लाभदायक है और सभी लोगों के हितकारी है। योजना के तहत पंजीकृत परिवारों को सम्बद्ध प्राइवेट व सरकारी अस्पतालों में 10 लाख रूपए तक फ्री इलाज हो रहा है। योजना के तहत 1633 बीमारियों को शामिल किया जा चुका है, साथ ही गंभीर बीमारियां जैसे की हार्ट स्टंट, बायपास सर्जरी, कैंसर, डायलिसिस, हार्ट, लिवर, किडनी, बोन मैरो ट्रांसप्लांट जैसी बीमारियों को शामिल किया गया है, इसलिए योजना को लाभ लेने के लिए जब भी अस्पताल जाए तो अपना जनआधार कार्ड या नंबर या जन आधार पंजीयन की रसीद जरूर साथ लेकर जाएं और योजना में पंजीकृत परिवार हैं तो अस्पताल में पहले ही बताए।

    जिला कलेक्टर डॉ. अमित यादव ने बताया कि योजना के तहत अस्पताल के पंजीकरण शुल्क बिस्तर व्यय, भर्ती व्यय, नर्सिंग व्यय, शल्य चिकित्सा, संवेदनाहरण विशेषज्ञ एवं सामान्य चिकित्सा का परामर्श शुल्क, रक्त, ऑक्सीजन, ओटी, एक्स-रे व जांच पर होने वाले खर्च शामिल किए गए है। साथ ही चिकित्सा प्रक्रिया से पहले पांच और अस्पताल से छुटटी के बाद के 15 दिन का परामर्श, जांच व दवाइयां भी फ्री देने की सुविधा की गई है।

 

    उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम व सामाजिक आर्थिक जनगणना 2011 के पात्र परिवारों, लघु व सीमांत किसानों, संविदा कर्मियों और कोविड 19 के तहत अनुग्रह राशि प्राप्त करने वाले निराश्रित व असहाय परिवारों की प्रीमियम राशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जा रही है। इसके अलावा प्रदेश के वे अन्य परिवार जिनको वर्तमान में केंद्र व राज्य सरकार मेडिक्लेम, मेडिकल अटेन्डेंस नियमों के तहत लाभ नहीं मिल रहा है वे 850 रूपए का भुगतान कर इस योजना से जुड़ सकते हैं, अर्थात् राज्य का कोई भी नागरिक योजना से जुड़ सकता है। एनएफएसए एवं एसईसीसी के पूर्व से लाभान्वित परिवारों को योजना में पंजीयन करवाने की आवश्यकता नहीं है।

ग्राम सभा में गोकुलपुरा सरपंच , मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. निर्मल सिंह, पिपराली बीसीएमओ डॉ. अजीत शर्मा, सीकर उपखण्ड अधिकारी गरिमा लाटा सहित अन्य कई अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।

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