राष्ट्रीय लोक अदालत का होगा आयोजन

 ख़बर गवाह 

13 मई 2023 को होगा द्वितीय राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन

सीकर 10 अप्रैल। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर द्वारा सोमवार को आयोजित ऑनलाईन बैठक में सचिव राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के निर्देशानुसार 13 मई 2023  को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जायेगा।

सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश धर्मराज मीणा ने बताया कि सीकर न्यायक्षेत्र में स्थित न्यायालयों में 13 मई, 2023 को इस वर्ष की द्वितीय राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जायेगा। जिसमें धारा 138 परक्राम्य विलेख अधिनियम (एन.आई.एक्ट) के विवाद, धन वसूली के सभी प्रकार के विवाद, गृहकर, नगरीय विकास कर के विवाद, शहरी जमाबंदी के विवाद, फसल बीमा पॉलिसी से संबंधित विवाद, व्यापारिक प्रतिष्ठानों एवं ग्राहकों के मध्य विवाद, पंजीकृत निर्माण श्रमकों के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं से संबंधित विवाद, बिजली, पानी, मोबाइल, क्रेडिट कार्ड एवं अन्य बिल भुगतान से संबधित विवाद, भरण-पोषण, बालकों की अभिरक्षा से संबंधित सभी प्रकार के विवाद, राजस्व विवाद (सीमाज्ञान(पैमाइश), पत्थरगढ़ी, जमाबंदी-रिकॉर्ड शुद्धि, नामान्तरण, रास्ते का अधिकार, सुखाचार एवं डिवीजन ऑफ होल्डिंग सहित) अन्य सभी प्रकार के सिविल वाद, सर्विस मैटर्स के विवाद, उपभोक्ता विवाद, जन उपयोगी सेवाओं से संबंधित विवाद, अन्य राजीनामा योग्य विवाद (जो अन्य अधिकरणों, आयोगों, मंचों, अथॉरिटी, आयुक्त, प्राधिकारियों के क्षेत्रधिकार से संबंधित हैं) से संबंधित सभी प्रकार के प्री-लिटिगेशन (जो अभी तक न्यायालय में दर्ज नहीं हुये हैं) प्रकरण एवं सीकर न्यायक्षेत्र स्थित न्यायालयों में लंबित राजीनामा योग्य फौजदारी प्रकरण, धारा 138 परक्राम्य विलेख अधिनियम (एन.आई. एक्ट) के प्रकरण, धन वसूली के सभी प्रकार के प्रकरण (दीवानी वाद, इजराय, आर्बिट्रेशन अवाई की इजराय के मामलों, सभी प्रकार के सिविल मामले (किरायेदारी, बंटवारा, हिसाब फहमी, सुखाधिकार, निषेधाज्ञा, घोषणा, क्षतिपूर्ति एवं विनिर्दिष्ट अनुपालना के दावों) सहित, एम.ए.सी.टी. के प्रकरण, श्रम एवं नियोजन संबंधी प्रकरण, बिजली पानी एवं अन्य बिल भुगतान से संबंधित प्रकरण, वैवाहिक विवाद के प्रकरण (तलाक को छोडकर), बालकों की अभिरक्षा  से संबंधित प्रकरण, भरण-पोषण सम्बन्धित प्रकरण, भूमि अधिग्रहण के मुआवजे से संबंधित प्रकरण, सभी प्रकार के सर्विस मैटर्स, वाणिज्यिक विवाद, गैर सरकारी शिक्षण संस्थान के विवाद से संबंधित प्रकरण, सहकारिता संबंधी विवाद, परिवहन संबंधी विवाद, स्थानीय निकाय (विकास प्राधिकरण, नगर निगम, आदि) के विवाद से संबंधित प्रकरण, रियल एस्टेट, रेलवे क्लेम्स, कर संबंधी, जन उपयोगी सेवाओं संबंधी विवाद, उपभोक्ता एवं विक्रेता, सेवा प्रदाता के मध्य के विवाद, अन्य राजीनामा योग्य ऎसे मामले जो अन्य न्यायाधिकरणों, आयोगों, मंचों, अथॉरिटी, प्राधिकारियों के समक्ष लंबित हैं तथा राजस्व न्यायालयों में लंबित सभी प्रकार के राजस्व मामले (सीमाज्ञान (पैमाइश), पत्थरगढ़ी, नामान्तरण, राजस्व अभिलेख में सुधार, डिवीजन ऑफ होल्डिंग, निषेधाज्ञा, घोषणा, रास्ते के विवाद संबंधित मामलें एवं निरोधात्मक कार्यवाही सें संबंधित समस्त संबंधित मामलों को निस्तारण लोक अदालत के माध्यम से किया जायेगा।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक, बीमा कम्पनियों के द्वारा प्री-लिटिगेशन प्रकरणों में धारा 138 एन.आई.एक्ट, धन वसूली, श्रम एवं नियोजन, बिजली-पानी, भरण-पोषण से संबंधित प्रकरण एवं सीकर न्यायक्षेत्र स्थित न्यायालयों में लंबित दांण्डिक शमनीय, धारा 138 एन.आई.एक्ट, धन वसूली, एम.ए.सी.टी, श्रम व नियोजन, वैवाहिक, भूमि अधिग्रहण, मजदूरी, भत्ते और पेंशन भत्तों, एवं अन्य सिविल मामलों का निस्तारण लोक अदालत के माध्यम से किया जायेगा। लोक अदालत में प्रकरण निस्तारण से समय, पैसा सभी की बचत होती हैं। उन्होंने पक्षकार अपने अधिकाधिक प्रकरणों का निस्तारण लोक अदालत के माध्यम से करवाने एवं लोक अदालत के सफल आयोजन में अपना सहयोग प्रदान करने की अपील की।



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