सभी कोचिंग संस्थान आपसी समन्वय से एक कॉमन एंट्री-एग्जिट पॉलिसी तैयार करें - जिला कलेक्टर

  ख़बर गवाह 

कोचिंग में अध्यनरत विद्यार्थियों को मानसिक संबल एवं सुरक्षा प्रदान करने के लिए कोचिंग सेंटर वैलनेस सेंटर स्थापित कर उनकी कॉउंसलिंग करें 


सीकर, 4 अप्रैल। जिला कलेक्टर डॉ. अमित यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय कोचिंग संस्थान निगरानी समिति की बैठक आयोजित हुई।
बैठक में उन्होंने जिले में संचालित कोचिंग संस्थानों में अध्यनरत  विद्यार्थियों को मानसिक संबल एवं सुरक्षा प्रदान करने के लिए कोचिंग संस्थानों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश दिए गए तथा जिला स्तरीय अधिकारियों के नेतृत्व में गठित टीमों द्वारा कोचिंग संस्थानों के निरिक्षण रिपोर्ट पर चर्चा की गई।
बैठक में जिला कलेक्टर डॉ. अमित यादव ने कहा कि विद्यार्थियों को मानसिक संबल देने के लिए मेंटल हेल्थ अवेयरनेस बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कोचिंग संस्थानों के संचालकों को निर्देशित किया गया है कि वें अपने संस्थानों में वेलनेस सेंटर स्थापित करें ताकि बच्चों की काउंसलिंग की जा सके।
उन्होंने पुलिस प्रशासन को निर्देशित किया गया है कि शहर में डीजे और लाउडस्पीकर पर पाबंदी के दिशा- निर्देशों की पूर्ण पालना करें तथा नशा संबंधी गतिविधियों की लगातार मॉनिटरिंग करें तथा सभी कोचिंग संस्थान आपस में समन्वय बनाकर एक ऑनलाइन एप सिस्टम बनाये  जिस पर सभी  कोचिंग संस्थानों  की सभी गतिविधियों की जानकारी हो ताकि प्रशासन भी आसानी से इसको मॉनिटर कर सकें ।
जिला कलेक्टर डॉ. यादव ने कहा कि कोचिंग संस्थान अपने विज्ञापनों में मिथ्या प्रचार-प्रसार और जूठे दावें न करे तथा इसकी प्रभावी निगरानी के लिए न्यूजपेपर में प्रकाशित होने वाले विज्ञापनों की एक कॉपी जिला प्रशासन को भिजवाना सुनिश्चित करे तथा अपने ब्रोकर्स में सफलता दर एवं सिलेक्शन की गारंटी नहीं है का लिखना सुनिश्चित करें । उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को वैकल्पिक कैरियर की जानकारी दी जाए तथा कोचिंग संस्थान टेस्ट रिजल्ट सार्वजानिक रूप से प्रकाशित न करके विद्यार्थियों के मोबाइल नंबर या ई-मेल एड्रेस पर भेजे  तथा अंको पर आधारित बैच ना बनाए क्योंकि ये बच्चों में मानसिक तनाव का मुख्य कारण होता है, संस्थानों में ई-लर्निंग सेंटर स्थापित किए जाए ताकि अगर कभी बच्चा किसी कारणवश अनुपस्थित हो तो बाद में वो रिकॉर्डेड लेक्चर ले सके तथा बच्चों की शंकाओं को उसी टीचर द्वारा दूर किया जाए जिसने पढ़ाया है, साथ ही बच्चों को फीडबैक फॉर्म उपलब्ध कराया जाए व  समस्त कोचिंग संस्थान और छात्रावासों में अध्ययनरत और रहने वाले बच्चों का पुलिस वेरिफिकेशन सुनिश्चित करने ke साथ ही बच्चों का मूवमेंट रजिस्टर भी रखें।
बैठक में जिला कलेक्टर डॉ. यादव ने कहा कि सभी कोचिंग संस्थानों आपसी समन्वय बनाकर एक कॉमन एंट्री-एग्जिट पॉलिसी तैयार करे साथ ही एक ऑनलाइन शिकायत पोर्टल भी तैयार करें जिस पर शिकायत करने के साथ- साथ फीडबैक भी दिया जा सके। उन्होंने नगर परिषद को सीकर में संचालित हॉस्टल्स और पीजी का डाटाबेस तैयार करने के लिए निर्देशित किया तथा सभी कोचिंग संस्थान अध्यनरत विद्यार्थियों के लिए समय-समय पर कल्चरल और स्पोर्ट्स एक्टिविटी करवाएं साथ ही जिला रसद अधिकारी को निर्देशित किया कि वें छात्रावास के खाने की  रेंडमली जाँच  करें।
बैठक में सीईओ जिला परिषद राकेश कुमार ने कोचिंग संस्थानों से कहा की वें अपने परिसर के आस-पास के पार्कों को अच्छे रखरखाव के लिए गोद ले सकते है तथा स्वीप कार्यक्रम के तहत 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के बच्चों का नाम मतदाता सूची में जुड़वाएं ।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर राकेश कुमार, सीईओ जिला परिषद राकेश कुमार, सीएमएचओ डॉ. निर्मल सिंह, डीएसओ कपिल उपाध्याय, एसडीएम सीकर जय कौशिक, एसडीएम धोद मिथलेश कुमार, सहायक निदेशक प्रशासनिक सुधार विभाग राकेश कुमार लाटा, यूआईटी सचिव राजपाल यादव सहित समिति के सभी सदस्य तथा शहर की कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।



Any Error? Report to Us
Contents May Subject to copyright 
Disclaimer: We cannot guarantee the information is 100% accurate

Post a Comment

0 Comments