सीकर शहर को घेरता दलदल

शाहपुरा में टीबड़ा हॉस्पिटल की ओर से निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन

शाहपुरा। क्षेत्र के नागरिकों की स्वास्थ्य सुविधा को ध्यान में रखते हुए टीबड़ा हॉस्पिटल, सीकर की ओर से 20 जुलाई 2025 को सेठ जगन्नाथ काबरा राजकीय विद्यालय, शाहपुरा में एक निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में सरपंच हरफूलसिंह चौधरी व अन्य गणमान्य नागरिकों ने व्यवस्थाएं संभालीं। डॉ० रमाकांत टीबड़ा, डॉ० विपिन महला व उनकी टीम ने शिविर में सेवाएं प्रदान की। शिविर में बीपी, शुगर, श्वास और अन्य सामान्य तकलीफों की जांच की गई तथा फिजिशियन की देखरेख में मौके पर ही ईलाज प्रदान किया गया। इसके अलावा, घुटनों के दर्द, स्लिप डिस्क, कमर दर्द एवं गर्दन दर्द से पीड़ित मरीजों की भी विशेषज्ञ डॉक्टरों ने जांच की। चयनित मरीजों के घुटना प्रत्यारोपण, कूल्हा प्रत्यारोपण और रीढ की हड्डी के ऑपरेशन टीबड़ा हॉस्पिटल, बसंत विहार, सीकर में निःशुल्क किए जाएंगे, जिससे जरूरतमंद मरीजों को अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधा मिल सके। इस अवसर पर अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर डॉ. रमाकांत टीबड़ा ने बताया कि शिविर का उद्देश्य ग्रामीण अंचल के अधिक से अधिक लोगों तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना है। शिविर में लगभग 200 स...

स्वास्थ्य कर्मियों ने की हिमोग्लोबिन की जांच, दी खून बढ़ने की दवा

  

सीकर, 10 अक्टूबर। राज्य सरकार की ओर से अनीमिया मुक्त राजस्थान अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत हर माह के प्रत्येक मंगलवार को शक्ति दिवस मनाया जाता है।

अनीमिया से बच्चों, किशोर किशोरियांे, गर्भवती, धात्री व अन्य सभी वर्ग के लोगों को मुक्त रखने के लिए विभाग की ओर से यह दिवस मनाया जाता है। इस दिन स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा शरीर में खून की मात्रा की जांच कर खून बढाने की गोली दी जाती है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ निर्मल सिंह ने बताया कि मंगलवार को जिले के चिकित्सा संस्थानों, आंगनबाड़ी केंद्रों व शिक्षण संस्थाओं पर स्वास्थ्य कर्मियों ने बच्चों, किशोर किशोरियों, गर्भवती व धात्री महिलाओं की स्क्रीनिंग की और शरीर में खून की कमी नहीं हो, इसके लिए आयरन फोलिक एसिड की गोली तथा बच्चों को सिरप पिलाई गई। प्रत्येक मंगलवार को जिले के आंगनबाडी केंद्रों, राजकीय विद्यालयों, उप स्वास्थ्य केंद्रों, सीएचसी, पीएचसी, उप जिला अस्पताल, जिला अस्पताल, शिक्षण संस्थाओं में शक्ति दिवस मनाया जाता है।

उन्होंने बताया कि 6 माह से 59 माह तक के बच्चों, पांच से नौ वर्ष तक के विद्यालय नहीं जाने वाले बच्चों, 10 से 19 साल तक की विद्यालय नहीं जाने वाली सभी किशोरी बालिकाओं तथा 20 से 24 साल की विवाहित महिलाओं, गर्भवती व धात्री माताओं को आंगनबाडी केंद्र पर आशा सहयोगिनी द्वारा लक्षण के आधार पर जांच की गई और आयरन की गोलियां दी गई। वहीं कक्षा पांच से 12वीं तक के विद्यार्थियों को राजकीय विद्यालयों में आयरन की गोली खिलाई। छह से 59 माह तक बच्चे, पांच से नौ साल के बच्चे, 10 से 19 साल के किशोर-किशोर तथा 20 से 24 वर्ष की विवाहित महिलाएं, गर्भवती व धात्री महिलाओं को चिकित्सा संस्थानों पर भी आयरन फोलिक एसीड की गोली व सिरप पिलाई गई।


                                                                                                                                                                       Any Error? Report to Us

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