बता दें कि चुनाव समिति की ओर से मतगणना का समय सुबह 10 बजे रखा गया था। लेकिन मंगलवार की मतगणना देरी से शुरू हुई। यहां 15121 वोटों की गिनती होनी है। मतगणना के लिए चार स्कैनर लगाए गए हैं। मतगणना दिखाने के लिए एक बड़ी स्क्रीन लगाई गई है। स्कैनर में बैलेट पेपर स्कैन करके बड़ी स्क्रीन पर दिखाए जा रहे हैं
क्या है मामला
दरअसल, रविवार रात करीब 10 बजे मतगणना प्रारंभ की गई थी, लेकिन चार घंटे बाद करीब 2 बजे तकनीकी खामी आ गई थी। इससे वोटों की गिनती गड़बड़ा गई थी। इसके बाद देर रात यहां हंगामा हो गया था। करीब 3 घंटे तक चले विवाद के बाद सोमवार सुबह करीब 5 बजे मतगणना को स्थगित कर दिया गया खा। सभी बैलेट बॉक्स को एक कमरे में रखकर सील कर दिया गया था
तकनीकी खामी को लेकर प्रगति ग्रुप और प्रदीप मित्तल ग्रुप ने चुनाव समिति पर लखदातार ग्रुप से मिलीभगत का आरोप लगा दिया था। उन्होंने कहा था कि लखदातार ग्रुप को फायदा पहुंचाने के लिए तकनीकी खामी के बहाने जानबूझकर मतगणना रोकी गई। इसके बाद प्रगति ग्रुप कोर्ट पहुंच गया था
प्रगति ग्रुप के आनंद गुप्ता का कहना है कि 2064 वोटों की गिनती के बाद हमारे प्रत्याशियों को लग रहा था कि उनके नाम के आगे मोहर तो लगी है, लेकिन वोट नहीं बढ़ रहे। कुछ के तो कम भी हो गए। लखदातार ग्रुप को फायदा पहुंचाने के लिए यह सब किया गया। हमने इसकी शिकायत की गलत हो रहा है। मतदान की प्रक्रिया भी सही नहीं थी। गुप्त मतदान होना चाहिए था, लेकिन ऐसा कुछ नहीं था। हमने इसके लिए कैमरे की रिकार्डिंग मांगी थी, लेकिन हमें नहीं दी गई
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