किसान, बटाईदार व खेत मजदूर की एकता व समता से ही देश की समृद्धि व पर्यावरण संरक्षण संभव होगा -योगेन्द्र यादव

 


झुंझुनूं जय किसान आंदोलन के संस्थापक योगेन्द्र यादव से भारतीय किसान यूनियन (टिकैत), सीकर इकाई के पूर्व जिला अध्यक्ष दिनेश सिंंह जाखड़ और पूर्व जिला महासचिव (संगठन एवं आंदोलन) राजेन्द्र डोरवाल ने तीर्थराज लोहार्गल में मुलाकात की तथा उनसे किसानों के राष्ट्रीय, राज्य व स्थानीय मुद्दों व समस्याओं पर चर्चा की। इस दौरान जय किसान आन्दोलन, राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश यादव भी मौजूद रहे।

लोहार्गल स्थित यादव धर्मशाला में जय किसान आंदोलन, राजस्थान का दो दिवसीय प्रथम राज्य अधिवेशन आयोजित किया गया। सम्मेलन के मुख्य वक्ता के तौर पर योगेन्द्र यादव लोहार्गल आए थे। इसी अवसर पर जाखड़ व डोरवाल ने शेखावाटी में पेयजल व कृषि सिंचाई के लिए नहरी पानी की आवश्यकता, प्याज की एमएसपी घोषित करवाने, बिजली लाईनों व हाईवे निर्माण के लिए अधिग्रहित भूमि का मुआवजा बाजार रेट का चार गुना दिये जाने आदि किसानों के मुद्दों व स्थानीय समस्याओं के बारे में यादव को विस्तार से अवगत कराया।

योगेन्द्र यादव ने कहा कि आगामी समय में किसानों, भारत की आत्मा गांवों और देश की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए देश में बड़े किसान आंदोलन की जरूरत है, जिसमें किसान संगठनों की बहुत बड़ी भूमिका होगी। यादव ने कहा कि देश की समृद्धि किसानों की समृद्धि से ही संभव होगी। इसके लिए किसान, बटाईदार और खेत-मजदूर में एकता और समता स्थापित करने और पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य को लेकर किसान संगठनों को काम करना चाहिए।

सम्मेलन के खुले सत्र (ऑपन डिबेट) को विशेष आमंत्रित प्रतिनिधि के रूप में किसान यूनियन (टिकैत) सीकर के पूर्व जिला अध्यक्ष दिनेश सिंह जाखड़ ने भी सम्बोधित किया तथा किसानों को एमएसपी (समर्थन मूल्य) मिलने की गारन्टी, किसानों व मजदूरों की सम्पूर्ण कर्ज मुक्ति, पेयजल व कृषि सिंचाई जल, भूमि मुआवजा आदि मुद्दों, किसानों की समस्याओं, किसान आंदोलन की चुनौतियों आदि विषयों पर अपने विचार रखे। जिन्हें सम्मेलन के प्रमुख प्रस्तावों में शामिल किया गया। सम्मेलन में देश व राज्य के 97 डेलीगेट (प्रतिनिधि) शामिल हुए।

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