किसान नेता त्रिलोक सिंह के संघर्ष और विरासत को किया याद


सीकर। प्रख्यात किसान नेता एवं राजस्थान में कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापकों में से एक कामरेड त्रिलोक सिंह की पुण्यतिथि पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के जिला कार्यालय किशन सिंह ढाका स्मृति भवन, सीकर में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। पार्टी नेताओं ने उनके संघर्षों को याद करते हुए आम जनता के हितों में लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पार्टी जिला सचिव कामरेड पेमाराम ने कहा कि त्रिलोक सिंह ने शेखावाटी में सामंतवाद के खिलाफ किसानों को संगठित कर स्वतंत्रता आंदोलन की चेतना जगाई। उन्होंने 1985 के ऐतिहासिक किसान आंदोलन का नेतृत्व किया, जिसमें बिजली दरों में वृद्धि के विरोध में पूरे राजस्थान की जेलें किसानों से भर गई थीं। फतेहपुर के बीहड़ों को बचाने का आंदोलन भी उनके महत्वपूर्ण योगदान में शामिल है।



मुख्य वक्ता पार्टी राज्य सचिव कामरेड किशन पारीक ने बताया कि त्रिलोक सिंह विचारों के प्रति अडिग रहे और सामंतों के खिलाफ संघर्ष में कई बार जेल गए। भारत रक्षा अधिनियम के तहत उन्हें एक साल से अधिक समय तक कैद में रखा गया। आपातकाल के दौरान पुलिस उन्हें 19 महीने तक गिरफ्तार नहीं कर पाई। 1980 में फतेहपुर से विधायक चुने जाने पर उन्होंने किसानों, मजदूरों व पिछड़े वर्गों के अधिकारों की संसद में मजबूती से आवाज उठाई।

इस अवसर पर मंगल सिंह यादव, भगवान सिंह बगड़िया, बृजसुंदर जांगिड़, पन्नालाल मांडोता, रामरतन बगड़िया, झाबर सिंह काजला, रामचंद्र दुगोली, रूड सिंह महला, डॉ. युद्धवीर सिंह महला, भूपेंद्र सिंह महला, सुभाष जाखड़, सुरेंद्र आंतरी, रणवीर पटेल, विप्लव गढ़वाल सहित अनेक पदाधिकारी मौजूद रहे।


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