राष्ट्रीय लोक अदालत: उपभोक्ता आयोग झुंझुनूं एक बार फिर रहा प्रथम एक ही दिन में 55 प्रकरणों का आपसी समझाईश से हुआ निस्तारण

झुंझुनूं। राष्ट्रीय लोक अदालत के तहत न्यायाधीश अनिल बेनीवाल एवं जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग अध्यक्ष मनोज मील की बैंच ने जिला आयोग से सम्बन्धित लम्बित प्रकरणों एवं प्री लिटिगेशन प्रार्थना पत्रों में से 55 प्रकरणों का निस्तारण करवा कर पीड़ित उपभोक्ताओं को त्वरित न्याय देते हुए मुकदमेबाजी से हमेशा के लिए छुटकारा दिलाया। उल्लेखनीय है कि प्रदेश स्तर पर जिला उपभोक्ता विवाद के मामले में जिला उपभोक्ता आयोग झुंझुनूं एक बार फिर से राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रकरणों का निस्तारण आपसी समझाईश से करवाने में प्रथम रहा है। आयोग अध्यक्ष मील ने बताया कि जिला आयोग गत 2 वर्षों से लोक अदालत में प्रथम स्थान पर बरकरार है। 

विद्युत उपभोक्ताओं के भी 726 प्रकरण निस्तारित: झुंझुनूं के विभिन्न न्यायालयों में लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें एवीवीएनएल के अधीक्षण अभियंता महेश टीबड़ा व विधी अधिकारी प्रज्ञ कुल्हार की देखरेख में अधिशाषी अभियन्ता प्रदीप कुमार भामू, मुमताज अली,  सुरेंद्र धनखड़, मोहनलाल, वेद प्रकाश व शंकर लाल द्वारा कुल 726  प्रकरणों (कुल राशि लगभग 1 करोड़ 46 लाख रुपये) का आपसी समझाईश से निस्तारण किया गया। इनमें वीसीआर के 289 प्रकरणों का निस्तारण किया गया, जिससे एवीवीएनएल को 34.92 लाख रू प्राप्त हुए व उपभोक्ता व गैर उपभोक्ता को 32.04 लाख रू की छूट दी गई तथा पुराने बकाया कनेक्शन के 437 प्रकरणों का निस्तारण हुआ, जिससे एवीवीएनएल को 41.42 लाख रू प्राप्त हुए व आमजन को 37.35 लाख रुपये की छूट दी गई। एवीवीएनएल के मुख्य अभियंता लक्ष्मण सिंह ने इसे न्याय की जीत बताते हुए लोक अदालत में हुए प्रयासों की सराहना की। लोक अदालत में सहायक अभियंता महेश सैनी, अनिल कालेर, विजय बोला, एआरओ बगड़ सुमित्रा यादव, सतवीर, अधिवक्ता होशियार सिंह सैनी, रामावतार ढाका, इकबाल अली, आदिल फारुकी आदि का प्रकरणों के निस्तारण में विशेष योगदान रहा।


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