न्यू सॉन्ग "झुर झुर रोवै अखियॉं" ने सोशल मीडिया पर मचाई धूम

शेखावाटी गायिकी के महारत्न हैं गायक ज़ाकिर अब्बासी

झुन्झुनूं। शेखावाटी क्षेत्र की गायिकी के महारत्न कहे जाने वाले गायक ज़ाकिर अब्बासी दिलबर आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। शेखावाटी के साथ साथ आज संपूर्ण भारत में गायक ज़ाकिर ने अपनी अच्छी खासी पहचान बना ली है। मूलतः झुंझुनूं शहर के रहने वाले मध्यम परिवार में जन्मे जाकिर को बचपन से ही गाने का शोक था और ये शोक धीरे धीरे अब परवान चढ़ता गया। एक दम साधारण से दिखने वाले जाकिर को देखकर एक बारगी तो नहीं लगता कि यह इंसान अच्छे गले का मालिक है, लेकिन जब अपनी मधुर आवाज में गीत गुनगुनाते हैं तो हर कोई इनकी आवाज का दीवाना हो जाता है और इनको सुनना पसंद भी करते हैं।

साधारण सी शक्ल सूरत वाला इंसान कहीं भी जाता है तो अपने आपको गायक होना नहीं दर्शाता, ना ही हर कहीं बैठकर गुनगुनाता है और ना ही बड़े बोल बोलकर अपने आपको गायक मानता है, यही इनका बड़प्पन है जो जाकिर को अन्य कलाकारों से भिन्न रखता है।

एक दम शांत और शालीन स्वभाव के गायक ज़ाकिर अब्बासी को भले ही खुद को किसी का साथ नहीं मिला हो, किसी ने सपोर्ट नहीं किया हो लेकिन स्वयं गायक जाकिर ने झुंझुनूं के बहुत से गायकों को मंच देकर उनको आगे लाने का काम बखूबी किया है और अब भी कर रहे हैं। जो लोग पहले अपने घर परिवार तक सीमित थे, घर में गाते थे चाहे मेल सिंगर हो या फीमेल सिंगर हो सब आज खुले मंच पर या दूसरे मंचों पर गा रहे हैं तो ये देन भी गायक जाकिर अब्बासी की ही है।

आज झुंझुनूं के बहुत से उभरते हुए गायक ज़ाकिर अब्बासी दिलबर को ही फॉलो कर आगे बढ़ रहे हैं और ये सच है कि जो दूसरों की मदद करता है ईश्वर उसकी मदद करता है। और ये साबित किया है गायक ज़ाकिर अब्बासी ने जो झुंझुनूं जैसे छोटे से शहर में अपने आपको पहली पंक्ति में लाकर खड़ा किया है। सैकड़ों अनगिनत अवार्ड सम्मान पाने वाले गायक जाकिर अब्बासी ने जिला प्रशासन के साथ जुड़कर जागरूकता गीतों से अपने गीत लिखने की शुरुआत की थी जिसमें सड़क सुरक्षा, मतदान जागरूकता, कोरोना जागरूकता, नशा मुक्ति जागरूकता, बेटी बचाओ जागरूकता, स्वच्छ भारत जागरूकता, सांप्रदायिक सौहार्द, देश भक्ति, हिन्दू मुस्लिम एकता, पर्यावरण जागरूकता आदि पर गीत गाकर अपनी एक अलग पहचान बनाई और आज  जिले के ब्रांड एंबेसडर बने हुए हैं।

गायक ज़ाकिर अब्बासी का अभी हाल ही का न्यू सॉन्ग "झुर झुर रोवै अंखियॉं " जो कि 15 अक्टूबर को बज़्म मौसिकी के ऑफिशियल  फेसबुक पेज और यूट्यूब चैनल पर रिलीज हुआ था, जिसको लेकर गायक जाकिर अब्बासी काफी चर्चा में हैं। झुंझुनूं शहर की प्रतिष्ठित संगीत संस्था बज़्म मौसिकी के गायक ज़ाकिर अब्बासी का नया गीत "झुर झुर रोवै अंखियॉं" इन दिनों खूब वायरल हो रहा है और प्यार में धोखा खाने वाले युवाओं की पहली पसंद बनता जा रहा है, साथ ही अभी सोशल मीडिया पर खूब धूम मचा रहा है। झुंझुनूं शहर के एक मात्र एसे गायक जो अपने गीत खुद लिखते हैं और कंपोज करते हैं जो अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है और इसमें भी मजे की बात यह है कि संगीत की कहीं से कोई शिक्षा नहीं ली और सुरों का ज्ञान नहीं फिर भी अपने लिखे गीतों को कंपोज कर लेना एक बड़ी बात है।

गायक ज़ाकिर ने बताया कि मेरा पहला लिखा कंपोज किया हुआ राजस्थानी गीत "उड़ जा कागा" सीकर की गायिका किरण कुमावत के साथ गाया था जिसको बहुत पसंद किया गया और उसके बाद मन में अच्छे अच्छे गीत लिखने की ऐसी ललक लगी कि आज खुद के लिखे कंपोज किए हुए पंद्रह-बीस गीत तैयार हैं। इसी कड़ी में पंजाबी सूफी गायक हंस राज हंस के गीत "पायल छम छम बाजे" से प्रभावित होकर "झुर झुर रोवै अंखियॉं" गीत को लिखा गया था और इस गीत की क्लिपिंग का वीडियो सुनकर बॉलीवुड के मशहूर संगीतकार दिलीप सैन, बॉलीवुड गायक जुम्मा चुम्मा फेम सुदेश भोंसले, फिल्म खुदा गवाह के विलेन एक्टर अली खान, सोनी चैनल पर प्रसारित क्राइम पेट्रोल के पुलिस अधिकारी गुलशन पांडे, फिल्म एक्ट्रेस हुमा वारसी, फिल्म अभिनेता आफताब अजमेरी, जूनियर महमूद, जूनियर शाहरुख खान, गोविंदा, क्लासिक गजल गायक उस्ताद तनवीर खान, उस्ताद जमील रोशन, राजस्थानी फिल्मों के प्रसिद्ध हीरो शिरीष कुमार, राजस्थान की स्वर कोकिला सीमा मिश्रा और सीनियर आईएएस रवि जैन आदि ने अपने वीडियो बनाकर गायक ज़ाकिर अब्बासी की हौसला अफजाई भी की है। सही मायने में इस तरह से वीडियो के माध्यम से बधाई संदेश मिलना गायक जाकिर अब्बासी के लिए गर्व की बात है जिसने झुंझुनूं जिले का नाम बॉलीवुड तक पहुंचा दिया।

ज़ाकिर अब्बासी दिलबर ने बताया कि बहुत जल्द मेरे बहुत ही खूबसूरत नए हिंदी, राजस्थानी गीत आने वाले हैं जिसको गायक जाकिर दिलबर के अलावा बज़्म मौसिकी के गायक अपनी आवाज देंगे जो गीत आने वाले हैं जिन पर काम चल रहा है उनमें मुख्य रूप से "मुझको रुला के ज़ालिम", "बेवफा से दिल लगाकर रो दिए", राजस्थानी गीत "तू भी अकेली रोवै मैं भी अकेला रोऊं", " म्हारा साजन", "परदेसी ढोला बेगो आजा रे", "तेरी याद में हम रोते हैं", "आंखों से मेरी दूर नहीं जाना", "मेरा दिल रोता है तुझे याद करके", "परदेश कमाने जाते हैं हालात के मारे" और डीजे सॉन्ग "पीहर हाले आशिक तेरे सासरिये में क्यो", "म्हारी गली मै जावे एक छोरी चाल चलन से अय्या लागे मालण की छोरी" आदि गीत सुनने को मिलेंगे।


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