क्षेत्रीय अनुसंधान व विस्तार सलाहकार समिति की दो दिवसीय बैठक सम्पन्न


  फतेहपुर। कृषि अनुसंधान केन्द्र, फतेहपुर पर क्षेत्रीय अनुसंधान व विस्तार सलाहकार समिति कृषि जलवायु क्षेत्र 2-ए की खरीफ 2025 की दो दिवसीय (दिनांकः 22-23 अप्रेल 2025) बैठक क्षेत्रीय निदेशक अनुसंधान, प्रोफेसर उम्मेद सिंह की अध्यक्षता व श्रीमान रामनिवास पालीवाल, अतिरिक्त निदेशक कृषि (विस्तार) खण्ड सीकर की सह-अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। जिसमें कृषकों की समस्या के अनुरूप चल रहे अनुसंधान कार्यो की समीक्षा हुई। इस दौरान बैठक में खरीफ 2024 में कृषि विभाग (विस्तार, उद्यान, आत्मा आदि) की प्रगति, कृषक प्रशिक्षणों के आंकड़े व आगामी खरीफ ऋतु हेतु तकनीकी कार्यक्रम आदि प्रस्तुत किये। साथ ही प्रोफेसर सिंह ने बताया कि केन्द्र के वैज्ञानिकों के अनुसंधान स्वरूप उपलब्धता व ग्राह्ता के आधार पर किसान हितैशी कुल पांच तकनीकों को किसानों के उपयोगार्थ पैकेज ऑफ प्रेक्टिस में सम्मिलित करने का अन्तिम निर्णय लिया, जिसमें अधिक उत्पादन हेतु चंवला की किस्म टीसी 901, ग्वार फली में गांठे बनने का कीट प्रबन्धन, बाजरा में नैनो यूरिया का उपयोग, खेती की लागत कम करने के लिए बाजरा-गेंहू फसल प्रणाली में जीरो टिलेज तकनिक तथा मूंग की फसल में डीएपी के साथ प्रोम व पी.एस.बी. की अन्तरिम शिफारिस की गई।

साथ ही कुल पांच तकनिको को ए.टी.सी. आबुसर पर ग्राह्ता परीक्षण हेतु शिफारिस की गई। इस दो दिवसीय बैठक में कृषि अनुसंधान केन्द्र, फतेहपुर; कृषि उप अनुसंधान केन्द्र, नागौर; कृषि विज्ञान केन्द्र, फतेहपुर; चांदगोठी (चुरू), नागौर, मौलासर, अरनिया, आबुसर तथा ए.टी.सी. आबुसर के वैज्ञानिक तथा समस्त उपनिदेशक (कृषि) ए.टी.सी./विस्तार/उद्यान/आत्मा जिला सीकर, चुरू, नागौर, झुंझुनु व आदि के सहायक निदेशक तथा कृषि अधिकारियों ने भाग लिया। अन्त में क्षेत्रीय निदेशक अनुसंधान प्रोफेसर सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस दौरान इस दौरान बैठक में डॉ. संजय अत्तर, डॉ. धर्मेन्द्र त्रिपाठी, डॉ. के.सी. वर्मा, डॉ. रोहिताश बाजया, डॉ. सी.एल. खटीक, डॉ. राजदीप, डॉ. झूमर लाल, डॉ. हनुमान सिंह जाटव, आदि मौजूद रहे, साथ ही डॉ. मुजाहिद खान, वैज्ञानिक कृषि सांख्यिकी ने तकनिकी सहयोग देते हुए सक्रिय रूप से भाग लिया। सत्यनारायण पारीक, अनिल गुर्जर, अमन चौधरी, जगदेव सिंह, रामचन्द्र, नागरराम, चिमनाराम, बाबूलाल, सज्जन सिंह, देवेश, श्योपाल आदि कर्मचारी भी मौजूद रहे।

 


Any Error? Report  

Contents May Subject to copyright 

Disclaimer: We cannot guarantee the information is 100% accurate

Comments